महाराष्ट्र में बिगड़े सांप्रदायिक माहौल की खबरें इन दिनों सुर्खियों में हैं | अब तक अमूमन सबको पता होगा कि यह हिंसा त्रिपुरा में एक मस्जिद में तोडफोड की अफवाह से फैली | लेकिन क्या हमें जानकारी है कि त्रिपुरा में ऐसा क्या हुआ था जिसकी सोशल मीडिया में उडी झूठी खबर ने महाराष्ट्र के पाँच जिलों को दंगों की दहलीज तक पहुंचा दिया | फिलहाल हम बताते हैं कि विगत लगभग एक माह में त्रिपुरा में इस मसले पर क्या कुछ हुआ
हकीकत में इस सारे विवाद की जड़ पड़ोसी देश बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर हिन्दू समुदाय पर हुई हिंसक घटनाएँ | गौरतलब है कि बीते 15 अक्टूबर को बांग्लादेश में कट्टरपंथियों ने दुर्गा पूजा पंडाल और मंदिरों में तोड़फोड़ की थी | इतना ही नहीं वहाँ अलग-अलग जगहों पर हिंदुओं पर हमले की घटनाएँ भी हुई | बस इसके ही विरोध में त्रिपुरा में कई धार्मिक संगठनों ने मिलकर रैलियां निकालीं थी | इस दौरान कुछ जगहों पर विशेषकर 21 अक्टूबर को वहाँ के गोमती जिले में भी रैली निकाली गई | इस रैली में भीड़ का पुलिस के साथ टकराव हुआ | वहीं अगरतला और धर्मनगर में भी इसी मुद्दे पर बड़ी बड़ी रैलियां निकाली गईं | इसी सिलसिले में 26 अक्टूबर को पानीसागर में भी अलग-अलग जगह रैली निकाली गई | स्थानीय मीडिया रिपोर्ट में वहाँ रोवा बाजार में प्रदर्शनकारियों द्धारा दुकानों और घरों पर हमला की जानकारी सामने आयी | इसी दौरान एक धार्मिक स्थल को नुकसान पहुंचाने की झूठी खबर सोशल मीडिया में तेजी से वायरल होने लगी | हालांकि इसके बाद 29 अक्टूबर को त्रिपुरा के ही उनाकोटी जिले में काली मंदिर को अज्ञात लोगों द्धारा नुकसान पहुंचाया गया | हालांकि सांप्रदायिक सद्भाव दिखाते हुए वहाँ हिंदु-मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मिलकर मंदिर की मरम्मत कर दी | लेकिन इसके बाद भी सोशल मीडिया पर तरह-तरह के भड़काऊ संदेश वायरल होने का सिलसिला नहीं रुका और परिणाम महाराष्ट्र हिंसा के रूप में सबके सामने है |
मात्र एक अफवाह के आधार पर रजा एकेडमी जैसे धार्मिक संघटनों को कोरोना काल में बड़ी रैलियों की इजाजत देना बहुत बड़ी प्रशासनिक त्रुटि का नतीजा है | वहीं रैली में शामिल लोगों का खुले आम तोड़ फोड़ और आगजनी करना वहाँ लचर कानूनी व्यवस्थता की और इशारा करती है | बेहतर है कि महाराष्ट्र ही नहीं तमाम राज्य सरकारें भी सिशल मीडिया की संजीदगी से मॉनिटरिंग करे और जरूरत पड़ने त्वरित कार्यवाही करे ताकि इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके |