देहरादून | विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले उत्तराखंड सरकार ने श्री बदरी-केदार मंदिर समिति को पुनः अस्तित्व में लाते हुए पूर्व दायित्वधारी एवं युवा भाजपा नेता अजेंद्र अजय भट्ट को बीकेटीसी के अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी है। समिति में उपाध्यक्ष, सीईओ और 13 सदस्यों की भी नियुक्ति की गयी है। गौरतलब है कि देवस्थानम बोर्ड भंग होने के साथ ही मंदिर समिति के गठन की आवश्यकता महसूस की जा रही थी |
इस संबंध में सचिव संस्कृति, धर्मस्व, तीर्थाटन प्रबंधन एवं धार्मिक मेला एचसी सेमवाल की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार बीकेटीसी के अध्यक्ष पद अजेंद्र अजय भट्ट (रुद्रप्रयाग) को नियुक्त किया गया है। अजेंद्र अजय इससे पूर्व निशंक सरकार के कार्यकाल में मीडिया सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष का दायित्व निर्वहन के साथ ही पार्टी संघटन में प्रदेश मीडिया समन्वयक समेत अनेक पदों पर कार्य कर चुके हैं | वर्तमान में वह भू कानून सुधार के लिए बनाई कमेटी में बतौर सदस्य भूमिका निभा रहे हैं व विगत लंबे समय से पर्वतीय क्षेत्रों में लैंड जिहाद के खिलाफ मुहिम छेड़े हुए थे | इसके अतिरिक्त किशोर पंवार (चमोली) को उपाध्यक्ष और आइएफएस बीडी सिंह को समिति के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) बनाया गया है। समिति के सदस्यों में श्रीनिवासन पोश्ती, कृपाराम सेमवाल, जयप्रकाश उनियाल, बीरेंद्र असवाल, नंदा देवी, आशुतोष डिमरी, रणजीत सिंह राणा, महेंद्र शर्मा, भाष्कर डिमरी, पुष्कर जोशी व राजपाल सिंह जड़धारी शामिल हैं। इसके अतिरिक्त ऋषि प्रसाद सती व आचार्य रामानंद सरस्वती को विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया गया है।
इससे पूर्व त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुख्यमंत्रित्वकाल में उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम के अंतर्गत चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड का गठन किया गया था | चारधाम के तीर्थ पुरोहित के लगातार इस अधिनियम व बोर्ड के विरोध को देखते हुए दिसंबर में हुए विधानसभा सत्र में धामी सरकार ने इसका निरसन विधेयक पारित कराया। इसके बाद देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड भंग होने के साथ ही चारधाम के लिए पूर्व व्यवस्था बहाल कर दी गई थी । अब श्री बदरीनाथ एवं केदारनाथ मंदिर अधिनियम 1939 के अंतर्गत ही यह नियुक्तियाँ की गयी हैं |