किसी भी चुनाव से पहले भाजपा में शामिल होने की खबरों का लगातार आना अब परम्परा सी बनता जा रहा है | उत्तराखंड भी इससे अछूता नही है, तभी तो 2017 विधनसभा चुनावों की तरह इस बार भी पार्टी में शामिल होने वाले विधायकों और नेताओं का सिलसिला बदस्तूर जारी है | जानकारों की माने तो पहले निर्दलीय विधायक और अब कोंग्रेसी विधायक राजकुमार के बाद पार्टी में बड़े नामों के आने का सिलसिला यही नहीं थमने वाला है | भाजपा प्रवेश की पाइप लाइन में अभी कुछ और विधायक और नेता भी शामिल हैं जो बस संघटन की हरी झंडी का इंतजार कर रहे हैं |
2022 विधानसभा चुनावों के मद्देनजर भाजपा खेमे में सरगर्मी सबसे अधिक नज़र आ रही है, वो चाहे बात सांगठानिक तैयारियों की हो या पाला बदलकर पार्टी में शामिल होने की | पहले धनोल्टी से निर्दलीय विधायक और पूर्व मंत्री प्रीतम सिंह पँवार और अब पुरोला से कोंग्रेसी विधायक राजकुमार का भाजपा में शामिल होना फिलहाल अभी की हवा का रुख बताने के लिए काफी है | यहाँ गौरतलब है कि इन दोनों विधायकों की गिनती व्यक्तिगत जनाधार वाले नेताओं में की जाती है, वहीं ऐसे ही कुछ और मजबूत कोंग्रेसी विधायकों और नेताओं के पार्टी में शामिल होने की अटकलें तेज हो गयी हैं | सूत्रों के अनुशार इन नामों में महत्वपूर्ण नाम है गंगोत्री सीट से कॉंग्रेस के पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण का, उम्मीद लगाई जा रही है कि आप पार्टी से सीएम पद के चेहरे कर्नल कोठियाल की गंगोत्री सीट से दावेदारी उन्हे पार्टी बदलने की अहम वजह बन सकती है |
वहीं सूत्रों के अनुशार चमोली जिले की बद्रीनाथ सीट से पूर्व मंत्री राजेन्द्र भण्डारी के भी पाला बदलने की अटकलें तेज हैं | गौरतलब है कि भाजपा के सिटिंग विधायक और स्थानीय संघटन के विरोध के चलते यह योजना अभी विचारधीन है | केदारनाथ सीट को लेकर भी चर्चाएँ नए सिरे से शुरू हो गयी हैं, सूत्रों के अनुशार यहाँ के सिटिंग कोंग्रेसी विधायक या पिछले चुनाव में कॉंग्रेस से विद्रोह कर दूसरे स्थान पर रहने वाले कुलदीप में से कोई एक भगवा दामन थाम सकता है |
इसी तरह कई और कोंग्रेसी दिग्गजों को शामिल करने को लेकर भाजपा में नफा नुकसान पर मंथन चल रहा है | हालांकि इस मसले पर पार्टी आलाकमान स्थानीय संघटन की राय को पूरी पूरी तवज्जोह देने के मूड में है |