हर हिंदुस्तानवासी के लिए जल्द आ सकता है गर्व का वो क्षण जब किसी भरतवंशी के चाँद पर पड़ सकते हैं कदम | दरअसल NASA यानि अमेरिकी अन्तरिक्ष एजेंसी ने अपने मून मिशन के लिए जिन 10 प्रशिक्षु अन्तरिक्ष यात्री को चुना है उनमे एक भारतीय मूल के अनिल मेनन भी हैं। लगभग पाँच दशक बाद चांद पर इंसान भेजने के इस प्रोजेक्ट पर तैयारी अपने महत्वपूर्ण चरण में है ।
चाँद पर जाने वाले पहले संभावित भारतीय 45 साल के अनिल NASA की क्लास 2021 का हिस्सा बनेंगे। अमेरिकी एयरफोर्स में लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर तैनात अनिल के साथ चुने गए 10 लोगों में 6 पुरुष और 4 महिलाएं हैं। गौरतलब है अब तक राकेश शर्मा समेत चार भारतीय मूल के लोग अन्तरिक्ष में जा चुके हैं | लेकिन चंद्रमा पर अब तक भारत का कोई अंतरिक्ष यात्री नहीं गया है। ऐसे में अगर अनिल NASA के इस मून मिशन का हिस्सा बनते हैं तो चंद्रमा पर जाने वाले वह भारतीय मूल के पहले व्यक्ति होंगे।
हालांकि अन्तरिक्ष में जाने के लिए जमीन पर अब तक सफर अनिल के लिए आसान नहीं था |
इस मून मिशन के लिए 12 हजार लोगों में से ट्रेनिंग के लिए सिर्फ 10 को चुना गया है। जो अगले साल जनवरी में 2 साल की ट्रेनिंग से गुजरेंगे। इस प्रोजेक्ट के तहत नासा 2025 में पहली महिला और एक पुरुष को चांद की सतह पर भेजने की योजना पर काम कर रहा है।
अनिल मेनन की क्या है पहचान ?
अमेरिका के मिनेसोटा में पले बढ़े अनिल मेनन की माता भारतीय और पिता यूक्रेनियन थे। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से न्यूरोबायोलॉजी में ग्रेजुएशन करने की बाद अनिल ने कैलिफोर्निया की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर NASA के कई अभियानों के लिए क्रू फ्लाइट सर्जन का भी रोल निभाया है | 2014 में उन्होंने NASA के फ्लाइट सर्जन के तौर पर काम करना शुरू किया और 2018 में उन्होंने एलन मस्क की स्पेसएक्स जॉइन की। इस दौरान कंपनी की पहली ह्यूमन फ्लाइट के मेडिकल प्रोग्राम और तैयारियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ।
फिलहाल इस सबसे अलग हमारे इतना जाना भी महत्वपूर्ण है कि एक हिन्दुस्तानी नासा के आर्टेमिस कार्यक्रम आर्टेमिस जनरेशन का हिस्सा हैं। जो 2025 की शुरुआत में दुनिया की पहली महिला और एक पुरुष को एक साथ चंद्र सतह पर भेजना है |