चार धाम में दर्शन के लिए हाईकोर्ट द्धारा तय किए श्रद्धालुओं के कोटे को नाकाफी बताते हुए भाजपा से ही उठी है इसे बढ़ाने की मांग | पार्टी नेता व पूर्व दर्जाधारी अजेंद्र अजय ने इस मसले पर धर्मस्व व पर्यटन सचिव से चार धामों में दर्शन के लिए निर्धारित की संख्या में बढ़ोतरी की मांग की है। उन्होंने सुझाव दिया है कि इस अनुमति के लिए प्रदेश शासन को हाई कोर्ट से अनुरोध करना चाहिए ।
लंबे इंतेजार के बाद प्रदेश सरकार के अनुरोध पर नैनीताल उच्च न्यायालय ने चारों धामों में दर्शन की अनुमति तो दे दी लेकिन इसके लिए श्रद्धालुओं का प्रतिदिन कोटा तय करने से स्थानीय व्यवसियों और यात्रियों में नाराजगी बढ्ने लगी है | यहाँ गौरतलब है कि न्यायालय ने बद्रीनाथ के लिए 1000, केदारनाथ के लिए 800, गंगोत्री के लिए 600 व यमुनोत्री के लिए 400 यात्रियों को प्रतिदिन दर्शन करने की अनुमति दी है। बड़ी संख्या में लोग यात्रा करने से वंचित हो रहे हैं वहीं यात्रा व्यवसाय से जुड़े लोगों को इसका नुकसान उठाना पड़ रहा है |
स्थानीय व्यापारियों और यात्रियों की परेशानियों को देखते हुए भाजपा नेता अजेंद्र ने सचिव धर्मस्य हरीश चंद्र सेमवाल से फोन पर बात कर श्रद्धालुओं का कोटा बढ़ाने की मांग की है | उन्होने कहा कहा कि इस वर्ष अब चार धाम यात्रा को लगभग एक माह का समय ही शेष रह गया है। नैनीताल उच्च न्यायालय द्वारा श्रद्धालुओं की संख्या सीमित किए जाने से जहां एक ओर अनेक लोग यात्रा करने से वंचित रह जाएंगे, वहीं दूसरी तरफ यात्रा व्यवसाय से जुड़े लोगों को लॉकडाउन के कारण हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई में कठिनाई पैदा होगी । उन्होंने सुझाव दिया कि प्रदेश शासन इस विषय में नैनीताल उच्च न्यायालय से अनुरोध करे, ताकि चारों धामों में अधिक संख्या में यात्रियों को दर्शनों की अनुमति मिल सके।
उन्होने प्रदेश सरकार ने चार धाम यात्रा शुरू कराने को लेकर न्यायालय में प्रभावी तरीके से अपना पक्ष रखने की तारीफ भी की | लेकिन वह मानते है कि यात्रा व्यवसाय से जुड़े लोगों के अलावा इन धामों की यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालु की आवश्यकता के मद्देनजर यात्रियों की प्रतिदिन तय संख्या को बढ़ाना बहुत जरूरी है |