केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव के देहरादून आगमन पर उन्हें रामनगर-कण्डी कोटद्वार मार्ग के सम्बन्ध में पत्र प्रेषित कर सडक निर्माण की स्वीकृति दिलवाये जाने का अनुरोध किया। केन्द्रीय वन मंत्री भूपेन्द्र यादव को सौंपे पत्र में राजेन्द्र शाह ने कहा कि इस संदर्भ में मेरे द्वारा पूर्व में कई बार पत्राचार किया गया। जिसमें मैंने उत्तराखण्ड राज्य के रामनगर-कोटद्वार कण्डी सड़क मार्ग के निर्माण की ओर आपका ध्यान आकृश्ट कराते हुए मार्ग के निर्माण की स्वीकृति दिलवाये जाने का अनुरोध किया था। उक्त सड़क की स्वीकृति राज्य के दोनों मण्डलों क्रमषः कुमाऊं मण्डल एवं गढ़वाल मण्डल को जोड़ने वाली लाईफ लाईन कहलाती है का निर्माण नितांत आवष्यक है। रामनगर-कोटद्वार कण्डी मोटर मार्ग के निर्माण की मांग दोनों मण्डलों की जनता द्वारा कई वर्शों से की जा रही है तथा इसके लिए कई आन्दोलन भी चलाये गये हैं।
राजेन्द्र शाह ने केन्द्रीय मंत्री के संज्ञान में लाते हुए कहा कि इस मार्ग के निर्माण से न केवल देहरादून वाया कोटद्वार से रामनगर तक लगभग 100 कि.मी. की दूरी कम होने के कारण ईधन की बचत होगी अपितु उत्तराखण्ड राज्य के निवासियों को उत्तर प्रदेष राज्य में प्रवेष न करने के कारण टैक्स का बोझ भी नहीं पड़ेगा। सड़क निर्माण हेतु राज्य सरकार द्वारा वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से 250 पेड़ काटने की अनुमति मांगी गई है परन्तु मंत्रालय द्वारा अनुमति नहीं दी जा रही है। साथ ही स्थानीय जनता द्वारा सरकार से यह भी वादा किया गया है कि हम 250 पेड़ों के बदले 1000 पेड़ लगवायेंगे तथा हमेषा की भांति पर्यावरण की रक्षा के लिए तत्पर रहेंगे। उन्होंने कहा कि इस मार्ग पर पूर्व में राज्य सरकार द्वारा एलिवेटेड रोड का निर्माण षुरू कर दिया गया था परन्तु कुछ तथाकथित समाज सेवी एन.जी.ओ. जिनका विकास एवं पर्यावरण से दूर-दूर का भी रिष्ता नहीं है, ने सडक के निर्माण में रोडा अटकाने का काम किया जा रहा है।
राजेन्द्र शाह ने कहा कि उत्तराखण्ड प्रदेष का कुल 67 प्रतिषत भूभाग (कुल क्षेत्रफल 53, 483 वर्ग कि.मी. मे से 35, 656 वर्ग कि.मी.) वनाच्छादित है। प्रदेष के विकास एवं सड़क निर्माण जैसी जनहित की योजनाओं को पर्यावरणीय मंजूरी मिलने में वर्शों इंतजार करना पड़ रहा है जिसके चलते निर्माण की लागत भी कई गुना वृद्धि हो चुकी है। विगत 20 वर्शों से इस मार्ग के निर्माण हेतु लगातार आन्दोलन एवं पत्राचार करने के उपरान्त भी केन्द्र सरकार का पर्यावरण मंत्रालय उत्तराखण्ड राज्य के लाखों लोगों की इस अत्यधिक महत्वपूर्ण समस्या की अनदेखी करता आ रहा है जिससे प्रदेषवासियों को वनाच्छादित क्षेत्र एवं पर्यावरणीय वातावरण अब अभिशाप लगने लगा है।
राजेन्द्र शाह ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन के अग्रणी आन्दोलनकारी होने के नाते मेरा आपसे पुनः विनम्र आग्रह है कि उत्तराखण्ड राज्य निर्माण के षहीदों की राज्य के विकास के लिए की गई कुर्बानी का सम्मान करते हुए समस्त उत्तराखण्ड के चहुमुखी विकास के लिए रामनगर-कोटद्वार कण्डी मोटर मार्ग के निर्माण की अविलम्ब स्वीकृति प्रदान करने हेतु आवष्यक निर्देष जारी करने की मांग कि ।