एक बार फिर केरल हाईकोर्ट की डबल बैंच ने सिंगल बैच के निर्णय पर मुहर लगाते हुए वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री की फोटो हटाने के लिए लगाई गई याचिका को खारिज कर दिया। आदेश में कहा गया है कि यह प्रधानमंत्री का जनता को दिया संदेश है, कोई विज्ञापन नहीं। गौरतलब है कि इससे पूर्व केरल हाईकोर्ट की सिंगल बैच ने इस 21 दिसंबर को याचिका खारिज कर याचिकाकर्ता पर 1 लाख का जुर्माना लगाया था |
फिलहाल जिन लोगों को अभी भी पीएम मोदी की वैक्सीनेशन प्रमाणपत्र पर लगी फोटो से आपत्ति हो तो वह कोर्ट में खड़े किए गए तमाम सवालों पर हुई बहस में हाईकोर्ट के जबाब यहाँ अवशय पढे ………
याचिकाकर्ता की आपत्ति – वैक्सीनेशन के लिए पैसा दिया है इसलिए वैक्सीन सर्टिफिकेट मेरी प्राइवेट प्रॉपर्टी है। लिहाजा सर्टिफिकेट पर पीएम की फोटो लगाकर क्रेडिट लेने का सरकार को कोई अधिकार नहीं है।
हाईकोर्ट का जबाब – मोदी हमारे देश के प्रधानमंत्री हैंऔर हमारे जनादेश से सत्ता में आए हैं। केवल सियासी मतभेद के कारण आप इसे चुनौती नहीं दे सकते हैं।
हाईकोर्ट का प्रति सवाल – आप (याचिकाकर्ता) अपने ही प्रधानमंत्री को लेकर शर्मिदां क्यों हैं? जब 100 करोड़ लोगों को इस पर कोई परेशानी नहीं हो रही है। आपको समस्या क्यों है? हर किसी की सियासी राय अलग हो सकती है, लेकिन वे अभी भी हमारे प्रधानमंत्री हैं। मुझे लगता है कि आप कोर्ट का वक्त बर्बाद कर रहे हैं।
इस पर याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि अन्य देशों में दिये जा रहे वैक्सीन सर्टिफिकेट में उनके प्रधानमंत्री की फोटो नहीं है।
हाईकोर्ट ने कहा कि हो सकता है उन देशों के लोगों को अपने प्रधानमंत्री पर गर्व नहीं होगा। हमें हमारे प्रधानमंत्री पर गर्व है। आपको भी गर्व होना चाहिए कि आपके वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट पर आपके प्रधानमंत्री की तस्वीर है।
याचिकाकर्ता ने कहा कि गर्व हो या न हो, यह तो मेरा पर्सनल चॉइस है।
हाईकोर्ट ने इस सवाल के जबाब देते हुए कि आप जवाहर लाल नेहरू लीडरशिप इंस्टिट्यूट नई दिल्ली में कार्यरत हैं। आप स्वयं ऐसे संस्थान में काम करते हैं, जिसका नाम एक पूर्व प्रधानमंत्री के नाम पर रखा गया। ऐसे में आप विश्वविद्यालय से अपने संस्थान का नाम बदलने के लिए क्यों नहीं कहते हैं?
इस तरह केरल हाईकोर्ट की सिंगल बैंच के बाद चीफ जस्टिस एस मणिकुमार और जस्टिस शाजी पी शाली की डबल बैंच का यह निर्णय उन तमाम लोगों, राजनैतिक, सामाजिक, कलाकारों व बुद्धिजीवियों के मुंह पर करारा तमाचा है जिन्हे मोदी के नाम, काम और तस्वीर से भी नफरत है |