नई दिल्ली | मोदी सरकार ने दी है उत्तराखंड को एक और सौगात | दशको से पिथौरागढ़ में काली नदी पर पुल बनाकर भारत और नेपाल को जोड़ने की मांग को मिल गयी है केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी | 12 हज़ार करोड़ की लागत से बनने वाले पुल के बनने से दोनों देशों के बीच व्यापारिक और सामाजिक रिश्तों का और अधिक मजबूत होना तय है |
मोदी कैबिनेट की बैठक से देवभूमि के लिए आयी इस अच्छी खबर की जानकारी दी केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने | उन्होने बताया कि महाकाली नदी पर इस पुल निर्माण को लेकर भारत-नेपाल के बीच हुए सहमति पत्र को आज मंजूरी दे दी गयी है | पिथौरागढ़ के धारचूला में प्रस्तावित इस पुल के निर्माण से उम्मीद की जा रही है कि यह न केवल दोनों देशों के नागरिकों के बीच की दूरी कम करने साथ ही राजनयिक सम्बन्धों में भी आयी खाई को पाटने का काम करेगा । यूं तो दोनों देशों के मध्य खुली सीमा और रिश्तेदारी व संस्कृति के गहरे संपर्क हैं।
गौरतलब है कि काली नदी उत्तराखंड में भारत और नेपाल की सीमा भी निर्धारित करती है। यही काली नदी उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों में पहुंचने पर शारदा नदी के नाम से जानी जाती है। यह काली नदी धारचूला नगर से होकर गुजरती है और जौलजीबी नामक स्थान पर गोरी नदी से मिलती है, जहां से यह महाकाली के नाम से जानी जाती है। अभी तक यहाँ पुल न होने की वजह से लोग झूला पुल और रस्सियों के सहारे अपनी जान जोखिम में डालकर नदी पार कर दोनों देशों के बीच आवाजाही करते हैं | इस पुल के बनने से दोनों देशों के बीच व्यापारिक गतिविधियां बहुत बढ्ने की संभावना है | इतना ही नहीं नदी पार करने के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं से उत्पन्न होने वाले तनाव भी बेहद कम होने की उम्मीद है | यह पुल दोनों देशों के बीच के राजनाईक सम्बन्धों को एक नए सिरे से बांधने का काम करेगा |