देहरादून। राजधानी में इन दिनों चर्चा का मुद्दा बने आम आदमी पार्टी के सीएम धामी की तश्वीर वाला पोस्टर कानुनी शिकंजे में फंस गया है । विधानसभा चुनाव से पहले शुरु हुए इस पोस्टर और होर्डिंग की लड़ाई में अगला वार भाजपा की तरफ से किया गया, नगर निगम और बिजली विभाग के आप पार्टी के खिलाफ विभिन्न थानों में मुकद्दमों के साथ | इस विवादित पोस्टर में आप के सीएम उम्मीदवार कर्नल कोठियाल और सीएम धामी की तुलना एक सैनिक और नेता के तौर पर की गयी है, जिसे भाजपा द्वारा छवि खराब करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है |
इन दिनों आपने भी देहरादून में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और कर्नल कोठियाल के साथ में कंबाइंड होर्डिंग बड़ी संख्या में लगे देखे होंगे | जिसमें लिखा गया है कि उत्तराखंड का सीएम कौन हो, देशभक्त फौजी या नेता पुष्कर धामी | भाजपा इसे सीधे सीधे सीएम धामी की छवि खराब करने की कोशिशों के तौर पर देखा जा रहा है लिहाजा हँगामा होना तय था | फिलहाल शुरुआती कार्यवाही के तौर पर इस पोस्टर को लेकर देहरादून में आप के खिलाफ एक नहीं तीन थानों में मुक़द्दमा दर्ज़ कराया गया है | चूंकि अधिकांश पोस्टर बिजली के खंभों और शहर में लगी स्ट्रीट लाइटों के खम्बों पर लगाये गए हैं । जिनके चलते बिजली विभाग और नगर निगम के अधिकारीयों ने थाना राजपुर, कोतवाली शहर और नेहरू कालोनी में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज करवाया है।
इस विवाद को लेकर सरकारी पक्ष भी सामने आया है पर उनके प्रवक्ता सुबोध उनियाल के बयान के साथ | उनका कहना है कि सीएम पुष्कर सिंह धामी खुद एक सैनिक के बेटे हैं, बावजूद इसके सब जानते हैं कि किसकी क्या प्रासंगिकता है । उन्होने कहा कि ये आम आदमी पार्टी की घिनौनी मानसिकता है। इस पोस्टर से सीएम की छवि खराब हो रही है जिसके आरोप में उनके खिलाफ़ मामला दर्ज कराया जा रहा है। वहीं इस पूरे मामले में आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता व सीएम पद के उम्मीदवार कर्नल अजय कोठियाल का कहना है कि ये सब राजनीतिक साजिश उनके खिलाफ सत्ताधारी बीजेपी ने रचायी है। बिजली के खम्बों पर कई राजनैतिक पार्टियों के शुभकामना संदेश लगे हैं तो आज तक क्यों किसी पर कार्रवाई नहीं होती सिवाय आप पार्टी के ।
हालांकि आम आदमी पार्टी का यह तरीका कोई नया नहीं है क्यूंकी दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान भी इस तरह का उनकी पार्टी प्रयोग कर चुकी है | अंतर सिर्फ इतना है कि दिल्ली और उत्तराखंड को लेकर आप पार्टी की जमीनी पकड़ में जमीन आसमान का फर्क है | लिहाजा भाजपा का इस मुद्दे को लेकर कानूनी और राजनैतिक लड़ाई में बढ़त लेना मुश्किल नहीं होगा | हालांकि इस विषय पर किसी की तश्वीर का पोस्टर आदि में बेजाँ उपयोग मानहानि के केस के लिए बड़ी वजह बन सकता है | फिलहाल घाटे में तो आप पार्टी भी नहीं रहने वाली, क्यूंकि उद्देश्य उनका भी पूरा होगा वह है चर्चा चर्चा ….प्रचार |