यदि आप किसी एमवे, ओरिफ्लेम, मोदीकेयर, टपरवेयर जैसी किसी किसी मार्केटिंग स्कीम से जुड़े हैं तो यह खबर आपके लिए बड़ी SHOCKING हो सकती है | क्यूंकि मोदी सरकार ने डायरेक्ट सेलिंग वाली कंपनियों की पिरामिड और मनी सर्कुलेशन सभी तरह की स्कीम पर रोक लगा दी है । सरकार द्धारा लाये गए नए नियम के अनुपालन के लिए इन कंपनियों के लिए 90 दिन का समय दिया गया है |
यदि आपके पास कोई डायरेक्ट सेलिंग या पिरामिड स्कीम यानि नेटवर्क मार्केटिंग स्कीम वाला व्यक्ति आए तो अब कतई जॉइन न करें क्यूंकि उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की ओर से ‘द कंज्यूमर प्रोटेक्शन (डायरेक्ट सेलिंग) रूल्स 2021’ नोटिफाई किए गए हैं। नए नियमों का कंपनियों को 90 दिनों के भीतर अनुपालन करना होगा। अब सबसे पहले जानते हैं क्या है पिरामिड स्कीम और क्या है डायरेक्ट सेलिंग | डायरेक्ट सेलिंग में पैसे चुकाकर सामान खरीदे जातें है वहीं पिरामिड स्कीम में जॉइनिंग फीस के नाम पर पैसे चुकाने होते हैं। इन नए नोटिफाई नियमों में कहा गया है कि राज्य सरकारों को सीधी बिक्री से जुड़ी कंपनियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए व्यवस्था बनानी होगी। इन नियमों के दायरे में डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों के अलावा ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर सीधे ग्राहकों को सामान बेचने वाले सेलर भी आएंगे।
इन दिनों पिरामिड स्कीम या MLM यानि मल्टी लेवेल मार्केटिंग एक तरह का सीढ़ीनुमा नेटवर्क होता है। जिसमें एक व्यक्ति अन्य व्यक्तियों को जोड़ता है जिससे उस नए व्यक्ति को जोड़ने पर उसे डायरेक्ट या इनडायरेक्ट रूप से कोई न कोई फाइदा मिलता है। इस मनी-सर्कुलेशन स्कीम में ग्राहकों के पैसे को घुमाया जाता है, जिसमें नए जुड़े लोगो का पैसा पुराने लोगो को मिलता है। इस तरह की पिरामिड स्कीमों में अक्सर नीचे वाले लोगों को अक्सर हानि उठानी पड़ती है।
हालांकि अधिकांश देशों की तरह भारत में भी वित्तीय पिरामिड स्कीम पर बैन है। इसलिए ये कंपनियां अपने प्रोडक्ट के जरिए मनी सर्कुलेशन करती है। लगातार इन कंपनियों के खिलाफ घोटाले, फर्जीवाड़े की शिकायतें आ रही थी यही वजह है कि सरकार ने इन पर बैन लगाने का निर्णय लिया है।