देहरादून:11 अप्रैल 2022
आज भाजपा प्रदेश मुख्यालय देहरादून में भाजपा के प्रवक्ता शादाब शम्स ने ज्योति बाई फुले के जयंती पर प्रेस वार्ता में उनके द्वारा समाज के लिए किए गए अनन्य कार्यों का वर्णन विस्तार से करते हुए कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने भाजपा के स्थापना दिवस के मौके पर कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे अगले 15 दिनों तक देश भर में सामाजिक न्याय पखवाड़ा मनाएं। उन्होंने कहा था की अगले कुछ दिनों में महात्मा ज्योतिबा फुले और बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर की जयंती है। उनके स्मरण में हम सामाजिक न्याय पखवाड़ा मनाएंगे। शादाब शम्स ने कहा कि महात्मा ज्योतिबा फुले ने साल 1848 में लड़कियों के लिए देश का पहला महिला स्कूल खोला था। पुणे में खोले गए स्कूल में उनकी पत्नी सावित्रीबाई पहली शिक्षिका बनीं।
ज्योतिराव गोविंदराव फुले 19वीं सदी के एक महान समाजसुधारक, समाज प्रबोधक, विचारक, समाजसेवी, लेखक, दार्शनिक तथा क्रान्तिकारी कार्यकर्ता थे। इन्हें महात्मा फुले एवं ”जोतिबा फुले के नाम से भी जाना जाता है। इन्होंने अपना पूरा जीवन स्त्रियों को शिक्षा का अधिकार दिलाने, बाल विवाह को बंद कराने में लगा दिया। फुले समाज की कुप्रथा, अंधश्रद्धा की जाल से समाज को मुक्त करना चाहते थे। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत इन सभी कुरीतियों से निदान की ओर बढ़ चुका है और नरेंद्र मोदी के 7 साल के कार्यकाल में अनेक ऐसी योजनाएं आई है जिससे महिलाओं का सशक्तिकरण और समाज में फैली हुई कुरीतियां समाप्ति के कगार पर या विलुप्ति के कगार पर पहुंच चुकी है। आज भारत पूरे विश्व में नारी सशक्तिकरण का उत्तम उदाहरण बन गया है हमारी राज्य सरकार ने भी नारी सशक्तिकरण के लिए समय-समय पर योजनाएं धरातल पर उतारी है।
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महिलाओं को लेकर ज्योति बाई फुले प्रगतिशील सोच का दायरा कितना खुला और व्यापक था इसका अंदाजा इस बात से भी लगाा जा सकता है कि वे बाल-विवाह विरोधी और विधवा-विवाह के न सिर्फ समर्थक थे बल्कि इसके लिए उन्होंने तब कई क्रांतिकारी प्रयास किए जब इस दिशा में लोगों ने तार्किक ढंग से सोचना-समझना भी शुरू नहीं किया था। उन्होनें कहा कि ‘‘महात्मा फुले के महान योगदान के लिए भारत हमेशा उनका ऋणी रहेगा।’’