देहरादून 5 मई चंपावत उपचुनाव व विधानसभा चुनावों में मिली हार को लेकर भाजपा के खिलाफ गोलज्यु देवता के दरबार में अर्जी लगाने के पूर्व सीएम हरीश रावत के बयान पर तंज़ कसते हुए भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि हरदा को न्याय देवता के पास सबसे पहले अर्जी अपनी ही पार्टी के उन तमाम नेताओं के खिलाफ लगाना चाहिए जिन पर अपने खिलाफ षड्यंत्र का आरोप वह चुनाव में लगाते रहे हैं | चौहान ने विश्वास जताया कि चंपावत सही मायने में न्याय की धरती है और स्थानीय जनता मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को बम्पर वोटों से जिताकर विकासवादी नीतियों के पक्ष में न्याय करने वाली है |
चौहान ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के झूठे वादों व अफवाहों के आधार पर भाजपा पर विधानसभा चुनाव जीतने के आरोपों को देवभूमि की महान जनता के निर्णय का बार बार अपमानित करने वाला बताया । उन्होने सलाह दी कि कोंग्रेसी नेताओं को सच स्वीकारना चाहिए कि 2017 चुनावों में जनता ने हमारे वादों पर भरोसा जताया था जिसे हमारी सरकार ने पूरा कर दिखाया, जिसके बाद अब 2022 चुनावों में उन्होने पुनः भाजपा पर भरोसा जताया है । उन्होने हरदा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्हे न्याय के देवता गोलज्यु के दरबार में भाजपा के खिलाफ नहीं बल्कि अपने उन तमाम कोंग्रेसी सहयोगियों के खिलाफ अर्जी लगानी चाहिए जिन पर वह चुनाव पूर्व व बाद में अपने खिलाफ काम करने का आरोप वह लगाते रहे हैं । उन्हे गोलज्यु दरबार के लिए लिखे जानी वाली अपनी चिट्ठी में उनके नाम लिखने चाहिए, जिन्होने चुनावी समुंदर में तैरते हुए उनके हाथ बांधे हुए थे, जिन्होने उनकी पिछली सरकार में विश्वासघात किया, जो पार्टी में उज़्याडु बैल हैं, दिल्ली में बैठे वह नेता जो उन्हे सिर्फ चुनाव की जरूरत बनाए रखना चाहते हैं | ऐसे अनगिनत आरोप स्वयं हरीश रावत ने अपनी पार्टी पर सार्वजनिक रूप से लगाए थे ।
मनवीर चौहान ने तंज़ कसते हुए कहा कि उत्तराखंड की चाहत बनने की कोशिश में मुंह की खाने वालों को पहले चंपावत चुनावों के लिए पार्टी के साथ चिराग लेकर प्रत्याशी ढूँढने निकलना चाहिए । क्यूंकि जानकारी ऐसी आ रही है कि सीएम धामी की जीत सुनिश्चित देखते हुए कोई भी कोंग्रेसी नेता उपचुनाव में उतरना ही नहीं चाहता है । लिहाजा बेवजह के बयानों से हटकर उन्हे चंपावत उपचुनाव में सम्मानजनक हार को लक्ष्य बनाकर अभी से जुटना होगा अन्यथा कॉंग्रेस प्रत्याशी की जमानत जब्त होना तय है ।