उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा ने भाजपा सरकार पर राज्य के बेरोजगार नवयुवकों का उत्पीडन करने का आरोप लगाया है। आउटसोर्सिंग के माध्यम से राज्य के विभिन्न चिकित्सालयों में सेवा दे रहे कर्मियों को नौकरी से निकाले जाने तथा उनके खिलाफ बलवा करने व सरकारी काम में बाधा डालने का मुकदमा दर्ज करने के निर्णय की प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कडे शब्दों में निन्दा करते हुए इसे सरकार की बेरोजगार नवयुवकों के उत्पीडन तथा दमनकारी नीति बताया है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी में अपनी व अपने परिजनों की जान हथेली पर रखकर राज्य के विभिन्न चिकित्सालयों में सेवा देने वाले इन कर्मियों को राज्य सरकार द्वारा महामारी का प्रकोप कम होते ही नौकरी से हटा दिया गया है। सरकार का यह फैसला राज्य के बेरोजगार नवयुवकों के साथ धोखा एवं उत्पीडन की कार्रवाई है। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो सरकार आउटसोर्स कर्मियों को पुनः नौकरी पर रखने की बात करती है वहीं दूसरी ओर अपनी जायज मांग को लेकर आन्दोलनरत बेरोजगार नवयुवकों को रोजगार देने की बजाय मुकदमे लादने जैसा निन्दनीय काम कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने विधानसभा चुनाव में बडे-बडे वादे कर बेरोजगारों को रोजगार देने की बात की थी परन्तु सत्ता में आते ही अपनी जायज मांगों को लेकर चलाये जा रहे शांतिपूर्ण आन्दोलन में मुख्यमंत्री आवास कूच कर रहे बरोजगार हुए नौजवानों पर सरकार के इशारे पर मुकदमे दर्ज किये जा रहे है। उन्होंने यह भी कहा कि बेरोजगारों के मामले में भी भाजपा सरकार दोहरी नीति अपना रही है एक तरफ अपने चहेतों को को-आपरेटिव संस्थानों में बैकडोर से नौकरियां दी जा रही हैं वहीं आम बेरोजगार नवयुवकों द्वारा अपना हक मांगने पर उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य गठन के मूल में बेरोजगारी सबसे बडा मुद्दा था परन्तु आज भाजपा की राज्य सरकार इन्हीं बेरोजगार नवयुवकों का उत्पीड़न कर रही है जिसे कतई बर्दास्त नहीं किया जायेगा।