देहरादून. चार धाम के कपाट खुलने के बाद यात्रा में श्रद्धालुओं का उत्साह देखने को मिला रहा है ,भारी संख्या में श्रद्धालु चार धाम पहुंच रहे है ,उसे देखते हुए अब प्रशासनिक अफसरों की नींद उड़ रही है, केदारनाथ और बद्रीनाथ के लिए जन सैलाब को काबू करना और नियमों का पालन करवाना अब पुलिस और व्यवस्था के लिए चुनौती बन गया है, खुद डीजीपी तक को व्यवस्था में जुटना पड़ रहा है, वहीं किराये बढ़ने से जुड़ी तमाम परेशानियां भी खड़ी हो रही हैं।
रोज़ कितने श्रद्धालु किस धाम में दर्शन कर सकते हैं, यह संख्या तय की गई है, लेकिन इस नियम का पालन होता नज़र नहीं आ रहा, श्रद्धालुओं के उत्साह पर लगाम लगाए जाने का बड़ा कारण यही है कि धामों में तय लिमिट से ज़्यादा लोगों के रुकने, ठहरने और खाने पीने आदि की व्यवस्थाएं नहीं हैं,क्योंकि वहां मास्टर प्लान के तहत निर्माण कामों की वजह से कुछ रास्ते डायवर्ट हैं, तो होटल, धर्मशाला आदि की कैपसिटी भी लिमिटेड है।
बसों और टैक्सियों का किराया मनमाना
चार धाम यात्रा के पहले से ही बस और टैक्सी संचालकों ने पेट्रोल के दामों व महंगाई का हवाला देकर किराये में बढ़ोत्तरी की मांग की थी. सरकार को यात्रा से पहले इस बारे में फैसला करना था, लेकिन हुआ नहीं. अब आलम यह है कि ट्रांसपोर्ट संचालक अपनी मर्ज़ी से कई गुना किराया वसूल रहे हैं. इसी तरह का हाल होटलों व लॉज का भी है, जहां भारी भीड़ को देखते हुए कमरों का किराया कई गुना बढ़ गया है।